Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Mar 2025 · 1 min read

लगता है कि सजा याफ़्ता हु

लगता है कि सजा याफ़्ता हु
खुद को खुद की ही गिरफ्त में पाता हु।
अरमान अधूरे रहे कि पूरे यह सोच ही नहीं पाता हु
रिहा होना चाहता हु लेकिन कोई रास्ता नहीं दिखता
मील का पत्थर करीब ही था
मैं उसे देख ही नहीं पाता हु।

29 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अश्विनी (विप्र)
View all

You may also like these posts

"कुटुंब विखंडन"
राकेश चौरसिया
Cá độ qua 188bet.com, 64 bị cáo hầu tòa
Cá độ qua 188bet.com, 64 bị cáo hầu tòa
Cá độ qua 188bet.com
"You’re going to realize it one day—that happiness was never
पूर्वार्थ
..
..
*प्रणय प्रभात*
एक वक्त था कि हम साथ हुआ करते थे,
एक वक्त था कि हम साथ हुआ करते थे,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
सौन्दर्य
सौन्दर्य
Ritu Asooja
4009.💐 *पूर्णिका* 💐
4009.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दोहे
दोहे
गुमनाम 'बाबा'
लफ्जों को बहरहाल रखा...!!
लफ्जों को बहरहाल रखा...!!
Ravi Betulwala
धर्म की खूंटी
धर्म की खूंटी
मनोज कर्ण
ज़िम्मेदार कौन है??
ज़िम्मेदार कौन है??
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
अपने दिमाग से वह सब कुछ मिटा
अपने दिमाग से वह सब कुछ मिटा
Ranjeet kumar patre
याद कितनी खूबसूरत होती हैं ना,ना लड़ती हैं ना झगड़ती हैं,
याद कितनी खूबसूरत होती हैं ना,ना लड़ती हैं ना झगड़ती हैं,
शेखर सिंह
सोया भाग्य जगाएं
सोया भाग्य जगाएं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
दोहा - कहें सुधीर कविराय
दोहा - कहें सुधीर कविराय
Sudhir srivastava
बस इतना-सा प्रेममय, हो जाना घनश्याम।
बस इतना-सा प्रेममय, हो जाना घनश्याम।
लक्ष्मी सिंह
जो रोज समय पर उगता है
जो रोज समय पर उगता है
Shweta Soni
"" *भगवान* ""
सुनीलानंद महंत
*अब तो चले आना*
*अब तो चले आना*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेरी मायूस सी
मेरी मायूस सी
Dr fauzia Naseem shad
कर्क चतुर्थी
कर्क चतुर्थी
मधुसूदन गौतम
"मेरी जिम्मेदारी "
Pushpraj Anant
तेरा ही बसेरा
तेरा ही बसेरा
Pratibha Pandey
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
ट्रंप का मस्क और मस्क के मस्के!
ट्रंप का मस्क और मस्क के मस्के!
Jaikrishan Uniyal
* अवधपुरी की ओर *
* अवधपुरी की ओर *
surenderpal vaidya
कमल खिल चुका है ,
कमल खिल चुका है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
आया हूँ
आया हूँ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
श्याम बाबा भजन अरविंद भारद्वाज
श्याम बाबा भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज ARVIND BHARDWAJ
Loading...