आईन

कुण्डलियां
आइन हमको दे रहा, सदा यही ही ज्ञान।
भारत के सम्मान में, सर्वस्व करो दान।
सर्वस्व करो दान, विकट से प्रहरी बनकर।
भारत की हो शान, करो तुम रक्षा डटकर।
कह सोना फिर विश्व, कहे है भारत शाइन।
हम सब की पहचान, बने भारत का आइन।
शगुफ्ता रहमान सोना