धज्जियां उडे़ ना इज्जत की
धज्जियां उडे़ ना इज्जत की
इसकी वजह से खामोश हैं
वरना इश्क करना तो हमें भी आता है
ना समझ हम को तू बेसमझ हैं।
धज्जियां उडे़ ना इज्जत की
इसकी वजह से खामोश हैं
वरना इश्क करना तो हमें भी आता है
ना समझ हम को तू बेसमझ हैं।