#सबसे__अच्छा_बुरा_वक़्त

#सबसे__अच्छा_बुरा_वक़्त
【प्रणय प्रभात】
बुरे वक्त से ज़्यादा अच्छा वक्त कोई हो नहीं सकता। इसमें :-
– पता चलता है कि आप कितनी ग़लतफ़हमियों में जी रहे थे।
– पता चलता है कि आपके साथ अच्छे परिधानों वाले कितने नंगे थे।
– पता चलता है कि आपकी औक़ात कथित अपनों की नज़र में क्या थी।
– पता चलता है कि व्यावहारिकता का कहीं कोई मोल नहीं।
– पता ये भी चलता है कि व्यावसायिकता क्यों अपनाई जानी चाहिए।
ईश्वर को लाख-लाख धन्यवाद तो बनता ही है साहब! सही समय पर आंखें खोलने के लिए….!! संकट व संघर्ष में क्षण-प्रतिक्षण साथ देने के लिए भी। जय राम जी की।।
👌👌👌👌👌👌👌👌👌
-सम्पादक-
न्यूज़&व्यूज (मप्र)