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24 Feb 2025 · 1 min read

पूज के देवी ने,देवी को फिर देवी को पाया है ,

पूज के देवी ने,देवी को फिर देवी को पाया है ,
धन्य है वो जननी जिसने बेटी को जन्माया है
धैर्य है धारण पर्वत सा, माँ की गोद धरा होती
बाँहें खोले तो लगता नभ ने आंचल फैलाया है

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