तेरा इश्क है काले धन सा जिसे छिपाते रहते है,
तेरा इश्क है काले धन सा जिसे छिपाते रहते है,
प्रेम को दुनिया की नज़रों से रोज़ बचाते रहते हैं,
बिन लफज़ो को खर्च किए नयनों से समझाते हैं
मन ही मन तुझ पर अपना यह प्रेम लूटाते रहते है,,
तेरा इश्क है काले धन सा जिसे छिपाते रहते है,
प्रेम को दुनिया की नज़रों से रोज़ बचाते रहते हैं,
बिन लफज़ो को खर्च किए नयनों से समझाते हैं
मन ही मन तुझ पर अपना यह प्रेम लूटाते रहते है,,