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12 Feb 2025 · 1 min read

तक तक राह प्नियतम नयन हारे

तक तक राह प्नियतम नयन हारे
अलसाई अंखियाँ बस तुम्हें निहारे
सावनभादों बरसे अब बसंत आया
तुम न आये मन.चातक तुम्हें पुकारे।
पाखी

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