तुम साथ नहीं हो जनता हूँ,

तुम साथ नहीं हो जनता हूँ,
फ़िर भी तुम्हें हर पल जिए जा रहा हूँ,
दूर हो कर भी तुम्हारी धड़कने सुन रहा हूँ, तुम्हें कुछ यूँ महसूस कर रहा हूँ,
मालूम हैं, मुकिन नहीं हैं मिलन हमारा इस जन्म में, फ़िर भी तुम्हारी यादों को ओढ़ जिए जा रहा हूँ,
“सुनो” तुमसे किया हर वादा, हर ख्वाब आज भी ज़िंदा हैं मुझमें,
इसलिए तुमसे किए सारे वादे आज भी निभा रहा हूँ..!
“लोहित टम्टा”