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11 Feb 2025 · 1 min read

बैठे हो क्यों रूठ कर,

बैठे हो क्यों रूठ कर,
दिलबर से यों दूर ।
शबे वस्ल में कीजिए ,
मिलने का दस्तूर ।।

सुशील सरना / 11-2-25

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