जिन्दगी 'रब' ने तुमको बख़्शी है
जिन्दगी ‘रब’ ने तुमको बख़्शी है
नेक किरदार से सजा देना
अमन से ज़िन्दगी को जीने दो,
आग पानी में मत लगा देना
जिन्दगी – ज़िन्दगी नहीं होती
तुमसे खुशियां अगर नहीं पाते
कितने टूटे हैं कितने बाकी है
जिन्दगी से कहां नहीं कुछ भी
ज़िन्दगी ने कहां सताया है
हमको किस्मत ने आजमाया. है
ज़िन्दगी मुस्कुरा के हम तेरा
कर्ज़ सारा उतार जाएंगे
ज़िन्दगी पर यकीन आ जाता
मौत का गर हमें ख्याल न हो
ज़िन्दगी को सजा नहीं कहते
हर खता को खता नहीं कहते
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद