बेटी
अभी तो मैंने जमीन पर पांव भी नहीं रखा था कि
सब पैर पटकने लगे,
बेटी हुई है कहकर हाथ झटकने लगे।
दादी ने मुझे उठाना तो दूर,
मेरे पास भी न आने लगी।
दूसरी बार भी लड़की ले आई बोलकर
मां को सताने लगी।
मां को मिलती गालियां और ताने,
जैसे बेटी जनी तो किया घोर पाप ही।
जबकि बराबर का जिम्मेदार होता
है बाप भी।
बेटियां कोई बेटों से कम नहीं हैं,
है कौन सा ऐसा क्षेत्र जहां हम नहीं हैं?
जिस देश में देवी की करते पूजा अर्चना,
वहां बेटियों को मिलती है प्रताड़ना,
हाय ये कैसी विडंबना!