नीरस ना हो जाए ये जीवन हमारा तभी तो
नीरस ना हो जाए ये जीवन हमारा तभी तो
ये त्यौहार हमारे जीवन में प्रेम का मिठास भरने आते है।
चलो कुछ सच्चा कहा जाए साल का पहला त्यौहार है
कुछ अच्छा कहा जाए
गम को लिखते हैं पेंसिल से और खुशियों को स्याही से लिखा जाए हर त्यौहार कुछ न कुछ सिखाता है
क्यों न उनसे कुछ अच्छा सिखा जाए क्यों ना उनसे कुछ अच्छा सिखा जाए।