बाबा साहब आ जा
बदहाल हुआ जमाना, अब तो आ जा,
आ जा एक और विधान लेकर आ जा,
समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व का पाठ पढाने आ जा,
हिंसा, असत्य, असहिष्णुता फैल रही,
उसे मिटाने आ जा,
दया, करुणा, शील के दो लफ्ज़, सुनाने आ जा,
हक मांगना भूल गये, अधिकारों की याद दिलाने आ जा,
अ मेरे साहब, आ जा, एक और डॉयरेक्ट्रैट उपाधि ले जा,
धर्म की आड़ में, हडप से अवगत करा जा, आ जा.
ऊंच नीच के फर्क को मिटाने आ जा, एक बार आ जा,
त्रस्त है दुनिया , अपनी कार्य-शैली दिखा जा.
शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो – जैसे मार्ग,
फिर से दिखाने आ जा, आ जा , मार्ग-प्रशस्त करने आ जा .
Mahender Singh