Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Dec 2024 · 1 min read

बसन्त ऋतु

भूम्याल की पूजा करीक ज्विंकी शुरवात होंदी,
मौरु द्वारु मा जौ पयांन ज्वा ऋतु न्यूतेंदी।
मिठु भात पकौड़ी पकैक ज्वा ऋतु पूजेंदी,
सबसी स्वाणी सबसी प्यारी वा बसन्त ऋतु होंदी।।

जै ऋतु मा डांडी -कांठी ब्योली बणी रैंदी,
पाख्यों मजी पिंगलधग फ्योंली सजी रैंदी।
मौल्यार लगी डाल्यों मा घुघुती घुरैंदी,
सबसी स्वाणी सबसी प्यारी वा बसन्त ऋतु होंदी।।

खोला- खोलों मा जै ऋतु मा पिठु कुटाई होंदी,
घसेरी बणू – बणू तै गीतों न गुजौंदी।
जै ऋतु मा थौला मेलूं मा देवता पूजै होंदी,
सबसी स्वाणी सबसी प्यारी वा बसन्त ऋतु होंदी।‌।

जै वक्त मा दे्यली द् यल्यों मां फ्योंली पड़ी रैंदी,
फूल्यारी फूलों का बाना बणू बणू मा जांदी।
पापड़ी कलेऊ बुखणा दिशाध्याणी ल्यांदी
सबसी स्वाणी सबसी प्यारी वा बसन्त ऋतु होंदी।।

छौ छलेट कू पर्व भी जब ज्यादा लग्यूं रैंदू,
घड्यालू द्यो द्यवतों कू मंडाण भी लग्यूं रैंदू।
चूलू – आरु गुर्याल की भी डाली फूली रैंदी,
सबसी स्वाणी सबसी प्यारी वा बसन्त ऋतु होंदी।।

जै ऋतु मा हर्याली मा देवता पूजै जांदा,
कखी होली का रंगों मा सभी मस्त बण्यां रैंदा।
रूमी झुमीक वर्षा ऋतु भी नजदीक ऐजांदी,
सबसी स्वाणी सबसी प्यारी वा बसन्त ऋतु होंदी।।

2 Likes · 2 Comments · 34 Views

You may also like these posts

चाहिए
चाहिए
Punam Pande
गुफ्तगू
गुफ्तगू
Naushaba Suriya
दस्तूर
दस्तूर
Davina Amar Thakral
मिला क्या है
मिला क्या है
surenderpal vaidya
दीप बनकर तुम सदा जलते रहो फिर नहीं होगा तिमिर का भान भी
दीप बनकर तुम सदा जलते रहो फिर नहीं होगा तिमिर का भान भी
Dr Archana Gupta
आधुनिक हिन्दुस्तान
आधुनिक हिन्दुस्तान
SURYA PRAKASH SHARMA
मामले के फ़ैसले अदालत में करने से बेहतर है की आप अपने ही विर
मामले के फ़ैसले अदालत में करने से बेहतर है की आप अपने ही विर
Rj Anand Prajapati
राह मुझको दिखाना, गर गलत कदम हो मेरा
राह मुझको दिखाना, गर गलत कदम हो मेरा
gurudeenverma198
23/182.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/182.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दुनियादारी
दुनियादारी
Surinder blackpen
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
!! ये सच है कि !!
!! ये सच है कि !!
Chunnu Lal Gupta
धनिकों के आगे फेल
धनिकों के आगे फेल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"स्केल पट्टी"
Dr. Kishan tandon kranti
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
स्वीकार कर
स्वीकार कर
ललकार भारद्वाज
*छाया प्यारा कोहरा, करता स्वागत-गान (कुंडलिया)*
*छाया प्यारा कोहरा, करता स्वागत-गान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सात समंदर से ज़्यादा स्याही जो ख़ुद में समाए हो,
सात समंदर से ज़्यादा स्याही जो ख़ुद में समाए हो,
ओसमणी साहू 'ओश'
रुला दे कोई..
रुला दे कोई..
हिमांशु Kulshrestha
फीका त्योहार !
फीका त्योहार !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
गुरु की महिमा
गुरु की महिमा
Dr.Priya Soni Khare
#नया_साल_नया_सवेरा-
#नया_साल_नया_सवेरा-
*प्रणय*
"" *सौगात* ""
सुनीलानंद महंत
अपनों से अपना हक़ मांग कर देख लो भेड़ के अंदर छिपा भेड़िया ख
अपनों से अपना हक़ मांग कर देख लो भेड़ के अंदर छिपा भेड़िया ख
पूर्वार्थ
गांधी जी के आत्मीय (व्यंग्य लघुकथा)
गांधी जी के आत्मीय (व्यंग्य लघुकथा)
गुमनाम 'बाबा'
बाजार आओ तो याद रखो खरीदना क्या है।
बाजार आओ तो याद रखो खरीदना क्या है।
Rajendra Kushwaha
डर के आगे जीत।
डर के आगे जीत।
Anil Mishra Prahari
ज़िन्दगी लाज़वाब,आ तो जा...
ज़िन्दगी लाज़वाब,आ तो जा...
पंकज परिंदा
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
Buddha Prakash
UPSC और तुम
UPSC और तुम
Shikha Mishra
Loading...