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9 Nov 2024 · 1 min read

गहरे जख्म

गहरे जख्म भी अपने देते है,
जो सहे भी नहीं जाते,
और कहे भी नहीं जाते।
फिर भी उनको दूर नहीं कर पाते।।

ये कैसा रिश्ता है अपनो से,
जिनको तोड़ भी नहीं सकते।
जिनको मोड़ भी नहीं सकते,
ये कैसा प्यार है अपनो से।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

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