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24 Sep 2024 · 1 min read

हुस्न खजाना

ऐसे बदला है जीवन को, हर घावो को सुखा दिया l
शुक्र! खुदा ने पैदा करके, हुस्न – खजाना लुटा दिया ll

जो मै पूंछु, ऐ मेरे मौला, ऐसा तूने क्यू कर किया?
अलंकारिक रचके उनको, मद ममता से जोड़ दिया ll

कभी किसी ने रुला के मारा, अब हँसा के हमको जिला दिया l
दुःख दर्दी की नीरसता को, जाम हुस्न का पिला दिया ll

किसी से लेना किसी को देना, ताल मेल कुछ बना दिया l
हसीन बंटा है चांदनी में, पर नीरस तिमिर से जुड़ा दिया ll

जो करनी कर आये पीछे, उसी राह पर चला दिया l
हमको अपना बना के तुमने, गमो में हसना सिखा दिया ll

ऐसा मिल गया हुस्न खजाना, मय, मद, माया भुला दिया l
“संतोषी” सुख दुःख में बनना अलख निरंजन सिखा दिया ll

हुस्न खजानों के चिन्हों से, हमने तुम्हे पहचान लिया l
देकर हमको जीवन बूटी, हर जन्म ख़ुशी एहसान किया ll

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