ऐ सूरज तू अपनी ताप को अब कम कर दे
नफरतों से अब रिफाक़त पे असर पड़ता है। दिल में शक हो तो मुहब्बत पे असर पड़ता है। ❤️ खुशू खुज़ू से अमल कोई भी करो साहिब। नेकियों से तो इ़बादत पे असर पड़ता है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*दिल के रोग की दवा क्या है*
लिखना है मुझे वह सब कुछ
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
"मैं पंछी हूँ मेरे पंख रहने दीजिये ll
ना कहीं के हैं हम - ना कहीं के हैं हम
आपस में क्यों बैर परिंदे।
*दुनिया में हों सभी निरोगी, हे प्रभु ऐसा वर दो (गीत)*
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मैं नहीं हूं अपने पापा की परी
मैं हैरतभरी नजरों से उनको देखती हूँ
कभी नजरें मिलाते हैं कभी नजरें चुराते हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"