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19 Sep 2024 · 1 min read

यह आज़ादी झूठी है

यह आज़ादी झूठी है
देश की जनता भूखी है…
(१)
मुट्ठी भर लोगों के सिवा
आज कौन यहां सुखी है…
(२)
सबके दिल में पल रही
एक ज्वालामुखी है…
(३)
सड़क से लेकर संसद तक
चारों तरफ़ मायूसी है…
(४)
काटे जा रहे जंगल में
कोई कोयल कूकी है…
(५)
नेताओं के हाथों से ही
हर एक आशा टूटी है…
(६)
लाख कोशिशों के बावजूद
क़िस्मत हमसे रूठी है…
#geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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