Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Aug 2024 · 1 min read

Somebody asked why people out there dont understand the valu

Somebody asked why people out there dont understand the value of good and kind people….

I thought to share that

Because simple….they dont deserve that…. how you expect anybody out there can know our value ?…that’s not gonna happen…..for example a historical monument some thing excavated …for an archaeologist or for a historian that thing is everything …he will research and can know alot from that…its like a treasure for him…but a normal person will throw that because dont know its value…..so here that thing is not waste..the person who holds it dont know its value..that’s it.

86 Views

You may also like these posts

- शेर -
- शेर -
bharat gehlot
बंधन
बंधन
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
Danger Lady 🧛🧟
Danger Lady 🧛🧟
Ladduu1023 ladduuuuu
"जीवन का प्रमेय"
Dr. Kishan tandon kranti
वक्त बुरा तो छोड़ती,
वक्त बुरा तो छोड़ती,
sushil sarna
चलती है उलटीं रित इस जहां में,
चलती है उलटीं रित इस जहां में,
Radha Bablu mishra
चुनावी युद्ध
चुनावी युद्ध
Anil chobisa
*वेद-कथा (मुक्तक)*
*वेद-कथा (मुक्तक)*
Ravi Prakash
लोट के ना आएंगे हम
लोट के ना आएंगे हम
VINOD CHAUHAN
चाहता बहुत कुछ
चाहता बहुत कुछ
महेश चन्द्र त्रिपाठी
"तितली जैसी प्यारी बिटिया": कविता
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तमन्ना
तमन्ना
D.N. Jha
माधुर्य
माधुर्य
Rambali Mishra
डीएनए की गवाही
डीएनए की गवाही
अभिनव अदम्य
प्रेम का सौदा कभी सहानुभूति से मत करिए ....
प्रेम का सौदा कभी सहानुभूति से मत करिए ....
पूर्वार्थ
बाहर मीठे बोल परिंदे..!
बाहर मीठे बोल परिंदे..!
पंकज परिंदा
8) दिया दर्द वो
8) दिया दर्द वो
पूनम झा 'प्रथमा'
काँच और पत्थर
काँच और पत्थर
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
कुछ मन की कोई बात लिख दूँ...!
कुछ मन की कोई बात लिख दूँ...!
Aarti sirsat
दोस्त,ज़िंदगी को अगर जीना हैं,जीने चढ़ने पड़ेंगे.
दोस्त,ज़िंदगी को अगर जीना हैं,जीने चढ़ने पड़ेंगे.
Piyush Goel
4799.*पूर्णिका*
4799.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तेवरी का सौन्दर्य-बोध +रमेशराज
तेवरी का सौन्दर्य-बोध +रमेशराज
कवि रमेशराज
भक्ति गाना
भक्ति गाना
Arghyadeep Chakraborty
मुझे अपनी दुल्हन तुम्हें नहीं बनाना है
मुझे अपनी दुल्हन तुम्हें नहीं बनाना है
gurudeenverma198
बह्र ....2122  2122  2122  212
बह्र ....2122 2122 2122 212
Neelofar Khan
चली ये कैसी हवाएं...?
चली ये कैसी हवाएं...?
Priya princess panwar
My Guardian Angel!
My Guardian Angel!
R. H. SRIDEVI
कहाँ गए वो दिन
कहाँ गए वो दिन
Meera Thakur
■ ग़ज़ल (वीक एंड स्पेशल) -
■ ग़ज़ल (वीक एंड स्पेशल) -
*प्रणय*
Loading...