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26 Aug 2024 · 1 min read

कैसी प्रथा ..?

बेचैन , बेसबब, बेहिसाब कड़वे घूंट पिलाती,
सदियों से चलती अनवरत
कुप्रथा,
रागनी भी जलाती अंतर्मन की व्यथा , अश्रु से जो बहती अनवरत कथा,
परंपराओ की तंग , कंकरिली,सीलन ,संग स्याह सुरंगे संस्कारो की बेड़ियां जिसमे बंधे स्वपन रेंगते हुए चल रहे चांद छूने के दौर में कैसी प्रथा ..?
अश्रु

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