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7 Jan 2024 · 1 min read

दर्शन तो कीजिए

#घनाक्षरी गीत

प्राण प्रतिष्ठा हो रही,पौष माह यह सही,
खत्म होगा इंतज़ार, दर्शन तो कीजिए ।

शुक्ल पक्ष की द्वादशी,संवत नाम है अस्सी,
सिंहासन बैठें राम, दर्शन तो कीजिए ।

राम की अवध सजी,शंख शहनाई बजी,
मंदिर विराजे राम, दर्शन तो कीजिए ।

अद्भुत अवध धाम, परमात्मा स्वयं राम,
सौभाग्य दिया राम ने, दर्शन तो कीजिए।

अवसर आते कम, सनातनी परचम,
लहराया है अम्बर, दर्शन तो कीजिए ।

जुट गये साधु संत, मठाधीश व महंत,
अगुवाई श्री राम की, दर्शन तो कीजिए ।

छोड़ दो पिछली बात, भेद भाव जाति पात,
दिवाली सा त्योहार है, दर्शन तो कीजिए ।

राम राज्य हो साकार, विनती है बार बार,
राम से बिरोध छोड़, दर्शन तो कीजिए ।।

राजेश कौरव सुमित्र

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