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31 Jul 2024 · 1 min read

"शब्दों से बयां नहीं कर सकता मैं ll

“शब्दों से बयां नहीं कर सकता मैं ll
कुछ भी नया नहीं कर सकता मैं ll

प्रेम का प्रदर्शन पाखंड से प्रेरित है,
वरना क्या-क्या नहीं कर सकता मैं ll

दिल रहम की भीख मांग रहा है,
दिल पर दया नहीं कर सकता मैं ll

नजदीकियां इतनी बढ़ गई है कि,
दूरियाँ दरमयाँ नहीं कर सकता मैं ll

जरा सी जगह बचाके रखता हूँ,
प्रेम पूर्णतया नहीं कर सकता मैं ll”

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