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29 Jul 2024 · 1 min read

शिव

शिव
प्यारी गौरी
भक्ति भाव संग
शरण तुम्हारी
आई।

सावन
रिमझिम फुहारें
शिव – शक्ति वंदन
लीन होती
जाऊं।

शक्ति
शरण जाकर
शुचिता शुभदा मिलती
मातृ वंदन
करती।

महादेव
संग शक्ति
जलती ज्ञान ज्योति
करती शुचि
भक्ति।
डॉ माधवी मिश्रा ‘शुचि ‘

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