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28 Jul 2024 · 1 min read

कली कचनार सुनर, लागे लु बबुनी

कली कचनार सुनर, लागे लु बबुनी
घायल कईले तोहार, गोलकी ई नथुनी

चांद नियर चेहरा पे, मंद मुस्कान हो
नैना धनुहियाँ से चलावेलु बान हो
ओठवा गुलाबी जईसे, मगही पान हो
कांधे पे चुनरिया लहरें, धानी रंग जान हो
कनवा के बाली बोले, सझवा के जुनी
कली कचनार सुनर, लागे लु बबुनी
घायल कईले तोहार, गोलकी ई नथुनी
नवनीत पाण्डेय सेवटा (चंकी)

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