चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
भले लोगों के साथ ही बुरा क्यों (लघुकथा)
" आत्मविश्वास बनाम अति आत्मविश्वास "
शासकों की नज़र में विद्रोही
"करामात" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
माया फील गुड की [ व्यंग्य ]
अपना यह गणतन्त्र दिवस, ऐसे हम मनायें
The engulfing darkness and the silence stretched too long,
"मुश्किलें मेरे घर मेहमानी पर आती हैं ll
शुभ धाम हूॅं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक