Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jul 2024 · 1 min read

Health, is more important than

Health, is more important than
wealth, for you can’t buy health,
with money! You can buy a lot of
things, but without your health,
days are no longer sunny! If we
enjoy good health, we’re fortunate,
we should never take it for granted.
We have to nurture it, as you would
a flower, that already, has been
planted! You have to eat right and
get the proper rest and make sure
you exercise, as much as you can
in a week. Do all these things and
I guarantee you, good health, will
be yours to keep!

131 Views

You may also like these posts

■ छठ महापर्व...।।
■ छठ महापर्व...।।
*प्रणय*
तुम रूठकर मुझसे दूर जा रही हो
तुम रूठकर मुझसे दूर जा रही हो
Sonam Puneet Dubey
जल प्रदूषण दुख की है खबर
जल प्रदूषण दुख की है खबर
Buddha Prakash
वह बरगद की छाया न जाने कहाॅ॑ खो गई
वह बरगद की छाया न जाने कहाॅ॑ खो गई
VINOD CHAUHAN
जो जीते जी इंसान की कद्र नहीं करता।
जो जीते जी इंसान की कद्र नहीं करता।
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
আল্লা আছেন তার প্রমাণ আছে
আল্লা আছেন তার প্রমাণ আছে
Arghyadeep Chakraborty
उम्मीद
उम्मीद
Ruchi Sharma
विश्रान्ति.
विश्रान्ति.
Heera S
नशा के मकड़जाल  में फंस कर अब
नशा के मकड़जाल में फंस कर अब
Paras Nath Jha
*सम्मान*
*सम्मान*
नवल किशोर सिंह
राम का न्याय
राम का न्याय
Shashi Mahajan
फकीरा मन
फकीरा मन
संजीवनी गुप्ता
क्या कहूँ
क्या कहूँ
Ajay Mishra
हर हाल में रहना सीखो मन
हर हाल में रहना सीखो मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हर शख्स भूल जाता है दो
हर शख्स भूल जाता है दो
Ashwini sharma
पलकों पे जो ठहरे थे
पलकों पे जो ठहरे थे
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी फूल है और कुछ भी नहीं
जिंदगी फूल है और कुछ भी नहीं
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
बेमिसाल इतिहास
बेमिसाल इतिहास
Dr. Kishan tandon kranti
विवश लड़की
विवश लड़की
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
अधूरी ख्वाहिशें
अधूरी ख्वाहिशें
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
छंद मुक्त कविता : विघटन
छंद मुक्त कविता : विघटन
Sushila joshi
कुछ नहीं
कुछ नहीं
Kunal Kanth
क्यों छोड़ गई मुख मोड़ गई
क्यों छोड़ गई मुख मोड़ गई
Baldev Chauhan
चाँदनी रात
चाँदनी रात
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
माया सूं न प्रीत करौ, प्रीत करौ परमेस।
माया सूं न प्रीत करौ, प्रीत करौ परमेस।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
बहुत प्यारी है प्रकृति
बहुत प्यारी है प्रकृति
जगदीश लववंशी
3776.💐 *पूर्णिका* 💐
3776.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दादी
दादी
Shailendra Aseem
तनहाई के दौर में,
तनहाई के दौर में,
sushil sarna
Loading...