Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2024 · 1 min read

मेरे पांच रोला छंद

मेरे पांच रोला छंद

सममात्रिक छंद / 11, 13 मात्रा भार / दोहा छंद से उलट समचरण में 13मात्रा में समतुकांत l विषम चरण में 11 मात्राएं अतुकांत l

मदमाया परिवेश ,पवन में गन्ध घुलावे
कोकिल अपने बैन ,पपीहा सँग मिलावे ।
हुई फगुनी लाल ,मधुरस भीगी चुनरिया
मंद मंद बज रही ,अधर पे मदिर मुरलिया ।। 1।।

चलती मंद बयार ,ऋतु बन आयी बसन्ती
भवँर करे गुंजार , ध्वनि लागे रसवंती ।
सेमल होवे लाल ,पलाश खिले मुस्कावे
जंगल करके लाल ,भगवा रंग भरमावे ।। 2।।

करती फगुनी हास , आम की डाल बैठ कर
पहुँचे सब के पास , सुरभि के रंग पैठ कर ।
रंग बिरंगे फूल , झूम नाचे इठलावे
अपनी गन्ध बखेर , वन उपवन महकावे ।। 3।।

लख मधुमासी ढंग , फ़ाग मस्ती में आया
डगर डगर पर रंग , गिरा कर शोर मचाया ।
पीले लाल गुलाल , फागुनी को नहलावे
पी कर बूटी भांग , नटखटी हो मस्तावे ।। 4।।

फूले ढाक पलाश , वनों में आग लगावे
कवि संवेदनशील , देख देख कर ललचावे ।
हरे रंग के साथ , केसरी रँग मुस्कावे
सुंदरता की हंसी ,खुशी खुश हो दिखलावे।।5।l

Language: Hindi
2 Likes · 119 Views

You may also like these posts

जो बिछड़ गए हैं,
जो बिछड़ गए हैं,
Meera Thakur
*पद्म विभूषण स्वर्गीय गुलाम मुस्तफा खान साहब से दो मुलाकातें*
*पद्म विभूषण स्वर्गीय गुलाम मुस्तफा खान साहब से दो मुलाकातें*
Ravi Prakash
" बदलाव "
Dr. Kishan tandon kranti
“दाग़”
“दाग़”
ओसमणी साहू 'ओश'
कभी कभी एक पल
कभी कभी एक पल
Mamta Rani
हर एक अवसर से मंजर निकाल लेता है...
हर एक अवसर से मंजर निकाल लेता है...
डॉ. दीपक बवेजा
4750.*पूर्णिका*
4750.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
- तुम ही मेरे जीने की वजह -
- तुम ही मेरे जीने की वजह -
bharat gehlot
मीठी बोली
मीठी बोली
D.N. Jha
गीत
गीत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
None Other Than My Mother
None Other Than My Mother
VINOD CHAUHAN
बहुरंगी नारियाँ
बहुरंगी नारियाँ
indu parashar
हिम्मत हारते है जो
हिम्मत हारते है जो
Vaishaligoel
धरती के अवतंस (पुस्तक समीक्षा)
धरती के अवतंस (पुस्तक समीक्षा)
गुमनाम 'बाबा'
उदास शख्सियत सादा लिबास जैसी हूँ
उदास शख्सियत सादा लिबास जैसी हूँ
Shweta Soni
कहती रातें...।
कहती रातें...।
*प्रणय*
जब टैली, एक्सेल, कोडिंग, या अन्य सॉफ्टवेयर व अन्य कार्य से म
जब टैली, एक्सेल, कोडिंग, या अन्य सॉफ्टवेयर व अन्य कार्य से म
Ravikesh Jha
मुक्तक _ चलें हम राह अपनी तब ।
मुक्तक _ चलें हम राह अपनी तब ।
Neelofar Khan
ऐ दिल न चल इश्क की राह पर,
ऐ दिल न चल इश्क की राह पर,
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
उसकी आंखों में मैंने मोहब्बत देखी है,
उसकी आंखों में मैंने मोहब्बत देखी है,
Jyoti Roshni
मोहब्बत
मोहब्बत
Shriyansh Gupta
लोग कहते हैं कहने दो लोगो का क्या ?
लोग कहते हैं कहने दो लोगो का क्या ?
Abasaheb Sarjerao Mhaske
कागज के रिश्ते
कागज के रिश्ते
Mandar Gangal
*रंगों का कारोबार*
*रंगों का कारोबार*
Shashank Mishra
Subject-jailbird
Subject-jailbird
Priya princess panwar
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
रूह की चाहत🙏
रूह की चाहत🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मनमानी करते नेता
मनमानी करते नेता
Chitra Bisht
याद हम बनके
याद हम बनके
Dr fauzia Naseem shad
एक generation अपने वक्त और हालात के अनुभव
एक generation अपने वक्त और हालात के अनुभव
पूर्वार्थ
Loading...