Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
13 May 2024 · 1 min read

इस आकाश में अनगिनत तारे हैं

इस आकाश में अनगिनत तारे हैं
सब अपनी जगह पर चमकते हैं
कोई भेदभाव नहीं कोई स्पर्धा नहीं
क्योंकि सभी अपना महत्व समझते हैं
_ सोनम पुनीत दुबे

Loading...