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10 May 2024 · 1 min read

जीवन को नया

जीवन को नया

खुद को खुद से ज्यादा खुद पर भरोसा है
नास्तिक हूँ इसीलिए दिखावट से परे हूँ
आडम्बर का रख बहाना चून , चापलुसी की चतुराई को
पतवार क्यो बनने दु अपने जीवन की नैया का

आसरा रख अपने मन पर विश्वास कर्म का अटल बना
निस्वार्थ सेवा से देख खुशी किसी गैर मन पर सकल बना

ऐशो आराम को रख परे मैं अपनी लगन के जोर को
पलतवार बना पार लगा रहा अपनी जीवन नैया को

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