Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2024 · 1 min read

क्षणभंगुर

कथाओं से लिपटा यह जीवन,
इच्छा अभिलाषाओं का जीवन,
पाकर सब खोने तक जाकर,
फिर से नव निर्माण का जीवन…

जीवन सांसो के रहने तक का,
अहं, राग और द्वेष, कपट का,
उठ कर गिरने की करूण व्यथा, मिलन बिछोह की सतत् कथा…

यह कथा सुखों की छाया की,
संताप दुखों की माया की,
और उन सब की जो सोच सको,
जब तक है जीवन चले चलो…

फिर तो एक अवसान अडिग है,
एक नितांत एकांत अडिग है,
तब बस एक वो खाली पथ है,
फिर लगता सब क्षणभंगुर है…

जब साथ वो अंर्तजाल चलेगा,
किया धरा सब साथ चलेगा,
उस पथ पर तब केवल तू होगा,
रोता, हंसता फिर चलता होगा….
© विवेक’वारिद’ *

Language: Hindi
1 Like · 109 Views
Books from Vivek Pandey
View all

You may also like these posts

■चंदे का धंधा■
■चंदे का धंधा■
*प्रणय*
दोहा पंचक. . . . . नटखट दोहे
दोहा पंचक. . . . . नटखट दोहे
sushil sarna
एहसासे- नमी (कविता)
एहसासे- नमी (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
महात्मा गांधी ,एवम लाल बहादुर शास्त्री पर
महात्मा गांधी ,एवम लाल बहादुर शास्त्री पर
मधुसूदन गौतम
जो धधक रहे हैं ,दिन - रात मेहनत की आग में
जो धधक रहे हैं ,दिन - रात मेहनत की आग में
Keshav kishor Kumar
अवधू का सपना
अवधू का सपना
अवध किशोर 'अवधू'
तुम्हारे ही ख्यालों में हम भीगते हैं ।
तुम्हारे ही ख्यालों में हम भीगते हैं ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चरम सुख
चरम सुख
मनोज कर्ण
श्रद्धा के दो फूल
श्रद्धा के दो फूल
आकाश महेशपुरी
गणतंत्र
गणतंत्र
लक्ष्मी सिंह
3118.*पूर्णिका*
3118.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
हिन्दी ग़ज़ल
हिन्दी ग़ज़ल " जुस्तजू"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
रंग प्यार का
रंग प्यार का
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
मलाल आते हैं
मलाल आते हैं
Dr fauzia Naseem shad
"आजकल औरतों का जो पहनावा है ll
पूर्वार्थ
आजाद पंछी
आजाद पंछी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
एक ख्वाब
एक ख्वाब
Ravi Maurya
वसुत्व की असली परीक्षा सुरेखत्व है, विश्वास और प्रेम का आदर
वसुत्व की असली परीक्षा सुरेखत्व है, विश्वास और प्रेम का आदर
प्रेमदास वसु सुरेखा
माँ
माँ
Usha Gupta
माटी करे पुकार 🙏🙏
माटी करे पुकार 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*जब युद्धभूमि में अर्जुन को, कायरपन ने आ घेरा था (राधेश्यामी
*जब युद्धभूमि में अर्जुन को, कायरपन ने आ घेरा था (राधेश्यामी
Ravi Prakash
* खूब खिलती है *
* खूब खिलती है *
surenderpal vaidya
चप्पलें
चप्पलें
Kanchan Khanna
अंतरात्मा की आवाज
अंतरात्मा की आवाज
SURYA PRAKASH SHARMA
शीर्षक - दीपावली
शीर्षक - दीपावली
Neeraj Agarwal
"तकलीफ़"
Dr. Kishan tandon kranti
सुरभित मन्द समीर बहे।
सुरभित मन्द समीर बहे।
अनुराग दीक्षित
जो दिखाते हैं हम वो जताते नहीं
जो दिखाते हैं हम वो जताते नहीं
Shweta Soni
Loading...