Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Apr 2024 · 1 min read

* सामने बात आकर *

** गीतिका **
~~
करो तुम कभी सामने बात आकर।
रखो अब नहीं कुछ कहीं भी छुपाकर।

न अच्छे लगे आज ये फासले जब।
शपथ लो रखेंगे सभी को हटाकर।

दिलों में समाई हुई आज सबके।
हवा ने महक को रखा है बहाकर।

नहीं नींद तुमको अभी आ रही है।
रखा प्रीति ने आपको है जगाकर।

निकट आ रहे आज भँवरे कली के।
तराना मधुर सा अभी गुनगुनाकर।

बहुत खूबसूरत समय साथ बीता।
भ्रमित भी किया खूब सपने दिखाकर।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, २३/०४/२०२४

1 Like · 1 Comment · 83 Views
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

मैं रुक गया जो राह में तो मंजिल की गलती क्या?
मैं रुक गया जो राह में तो मंजिल की गलती क्या?
पूर्वार्थ
गरीब और बुलडोजर
गरीब और बुलडोजर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तन्हा तन्हा ही चलना होगा
तन्हा तन्हा ही चलना होगा
AMRESH KUMAR VERMA
बढ़ता उम्र घटता आयु
बढ़ता उम्र घटता आयु
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तलाश सूरज की
तलाश सूरज की
आशा शैली
खुदकुशी..!
खुदकुशी..!
Prabhudayal Raniwal
मजदूर का दर्द (कोरोना काल)– संवेदना गीत
मजदूर का दर्द (कोरोना काल)– संवेदना गीत
Abhishek Soni
इन सर्द रास्तों पर
इन सर्द रास्तों पर
हिमांशु Kulshrestha
जुबां
जुबां
Sanjay ' शून्य'
तरंगिणी की दास्ताँ
तरंगिणी की दास्ताँ
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
प्रेम छिपाये ना छिपे
प्रेम छिपाये ना छिपे
शेखर सिंह
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2580.पूर्णिका
2580.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*जन्मदिवस (बाल कविता)*
*जन्मदिवस (बाल कविता)*
Ravi Prakash
🙅आज-कल🙅
🙅आज-कल🙅
*प्रणय*
चौपाई छंद-वचन
चौपाई छंद-वचन
Sudhir srivastava
जब भी बिछी बिसात
जब भी बिछी बिसात
RAMESH SHARMA
बीतते वक्त के संग-संग,दूर होते रिश्तों की कहानी,
बीतते वक्त के संग-संग,दूर होते रिश्तों की कहानी,
Rituraj shivem verma
छोड़ो  भी  यह  बात  अब , कैसे  बीती  रात ।
छोड़ो भी यह बात अब , कैसे बीती रात ।
sushil sarna
आदत न डाल
आदत न डाल
Dr fauzia Naseem shad
यदि कोई व्यक्ति कोयला के खदान में घुसे एवं बिना कुछ छुए वापस
यदि कोई व्यक्ति कोयला के खदान में घुसे एवं बिना कुछ छुए वापस
Dr.Deepak Kumar
" वाकया "
Dr. Kishan tandon kranti
बेरोजगार युवा
बेरोजगार युवा
Durgesh Bhatt
वो कुछ इस तरह रिश्ता निभाया करतें हैं
वो कुछ इस तरह रिश्ता निभाया करतें हैं
शिव प्रताप लोधी
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
Phool gufran
प्रेम .......तुमसे प्रेम हुआ तो तुम्हारे प्रेम में महसूस हुए
प्रेम .......तुमसे प्रेम हुआ तो तुम्हारे प्रेम में महसूस हुए
Swara Kumari arya
हदें
हदें
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
वो अपनी नज़रें क़िताबों में गड़ाए
वो अपनी नज़रें क़िताबों में गड़ाए
Shikha Mishra
सावन में संदेश
सावन में संदेश
Er.Navaneet R Shandily
#मेरी डायरी#
#मेरी डायरी#
Madhavi Srivastava
Loading...