Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Mar 2024 · 1 min read

प्यार के

प्यार के
मायने बदल गयें हैं
कुछ तुम बदले
कुछ हम बदल गए
कुछ इस तरह
जैसे मौसम के
फ़साने बदल गयें हैं
हर पल..
आदत जब
हो गयी गुफ्तुगू की
तब खामोशी के
अल्फाज़ बदल गयें हैं

हिमांशु Kulshrestha

145 Views

You may also like these posts

क्या हो तुम मेरे लिए (कविता)
क्या हो तुम मेरे लिए (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
Gambling एक तार्किक खेल है जिसमे पूंजीपति हमेशा अपनी किस्मत
Gambling एक तार्किक खेल है जिसमे पूंजीपति हमेशा अपनी किस्मत
Rj Anand Prajapati
शिव जी
शिव जी
Rambali Mishra
स्वास्थ्य विषयक कुंडलियाँ
स्वास्थ्य विषयक कुंडलियाँ
Ravi Prakash
कविता
कविता
Shiva Awasthi
चलो गीत गाएं
चलो गीत गाएं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
आज 10 जनवरी विश्व हिंदी दिवस पर प्रस्तुत है एक घनाक्षरी-
आज 10 जनवरी विश्व हिंदी दिवस पर प्रस्तुत है एक घनाक्षरी-
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
राम अवतार
राम अवतार
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
2749. *पूर्णिका*
2749. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवनचक्र
जीवनचक्र
Sonam Puneet Dubey
ये बता दे तू किधर जाएंगे।
ये बता दे तू किधर जाएंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
You do NOT need to take big risks to be successful.
You do NOT need to take big risks to be successful.
पूर्वार्थ
My broken lashes
My broken lashes
Ankita Patel
सच्चे होकर भी हम हारे हैं
सच्चे होकर भी हम हारे हैं
नूरफातिमा खातून नूरी
माँ की अभिलाषा 🙏
माँ की अभिलाषा 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तुम कहती हो की मुझसे बात नही करना।
तुम कहती हो की मुझसे बात नही करना।
Ashwini sharma
देश की संस्कृति और सभ्यता की ,
देश की संस्कृति और सभ्यता की ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
*शिक्षक जुगनू बन जाते हैँ*
*शिक्षक जुगनू बन जाते हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
.
.
हिमांशु Kulshrestha
प्रणय गीत
प्रणय गीत
Neelam Sharma
रामराज्य की काव्यात्मक समीक्षा
रामराज्य की काव्यात्मक समीक्षा
sushil sharma
प्रकृति संग इंसानियत की जरूरत
प्रकृति संग इंसानियत की जरूरत
Sudhir srivastava
ख़ुद से बचकर कोई जाए
ख़ुद से बचकर कोई जाए
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
डॉ. दीपक बवेजा
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
प्यार करें भी तो किससे, हर जज़्बात में खलइश है।
manjula chauhan
🙅लिख के रख लो🙅
🙅लिख के रख लो🙅
*प्रणय*
क्यों शमां मुझे लगे मधुमास ही तो है ।
क्यों शमां मुझे लगे मधुमास ही तो है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
तेरा ज़िक्र
तेरा ज़िक्र
Sakhi
लिख दूं
लिख दूं
Vivek saswat Shukla
Loading...