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28 Feb 2024 · 1 min read

3048.*पूर्णिका*

3048.*पूर्णिका*
🌷 पूरी मन्नत हो गई 🌷
2212 212
पूरी मन्नत हो गई ।
जहन्नुम जन्नत हो गई ।।

खुशियाँ भरी जिंदगी।
दुनिया जन्नत हो गई ।।

खिल के कली महकती ।
बगियां जन्नत हो गई ।।

नफरत मिटी चाह से।
मुहब्बत जन्नत हो गई ।।

मेहनत खेदू जहाँ ।
मंजिल जन्नत हो गई ।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
28-02-2024बुधवार

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