प्रेम जीवन धन गया।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
जीवन का एक ही संपूर्ण सत्य है,
चन्द्रलोक की यात्रा: सपने का यथार्थ
किण गुनाह रै कारणै, पल-पल पारख लेय।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
ग़ौर से ख़ुद को देख लो तुम भी ।
बुझा दीपक जलाया जा रहा है
हसरतें हैं जो अब, धुंधली सी नजर आती हैं।
जितने श्री राम हमारे हैं उतने श्री राम तुम्हारे हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
संविधान में हिंदी की स्थिति
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वोट डालना जरूर, आपका ये काम है
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
ज़ब ज़ब जिंदगी समंदर मे गिरती है