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7 Feb 2024 · 1 min read

खोया है हरेक इंसान

सपनों की दुनिया में ही
खोया है हरेक इंसान
सपनों के पीछे भाग के
वो पा रहा नए मुकाम
सपने सच होते तब जब
वो करे शिद्दत से प्रयास
अपनी मंजिल पर पहुंच के
बढ़ता मानव का उल्लास
कुछ सपनों के बिखरने
से मानस से जाते हैं टूट
अवसाद औ निराशा चट
कर जाती है उनका वजूद
सपनों की प्रकृति औ फल
पर कीजिए हृदय से विचार
फिर उनको मूर्त रूप देने को
कीजिए जरूरी उद्यम बारंबार

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