सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
- सेलिब्रेटी की पीड़ा सेलिब्रेटी ही जाने -
मौसम ए बहार क्या आया ,सभी गुल सामने आने लगे हैं,
"The moon is our synonym"
जंग अपनी आंखों से ओझल होते देखा है,
सब कुछ हार जाओ आप इस जिंदगी में।
“बारिश और ग़रीब की झोपड़ी”
जब हम सोचते हैं कि हमने कुछ सार्थक किया है तो हमें खुद पर गर
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
सच तो आज कुछ भी नहीं हैं।
इस सोच को हर सोच से ऊपर रखना,
*जिनसे दूर नहान, सभी का है अभिनंदन (हास्य कुंडलिया)*