Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Dec 2023 · 1 min read

विषय-संसार इक जाल।

विषय-संसार इक जाल।
रचनाकार-प्रिया प्रिंसेस पवाँर

मैं प्रिया सोचती हूँ,
अक्सर सोचती हूँ।
संसार इक जाल है,
जाल की सुलझन खोजती हूँ।

इस जाल में जीवन,
तड़पता है।
पिंजरे में बंद पँछी-सा,
फड़कता है।

कभी सुख मिलता है,
कभी दुःख की बरसात होती है।
सुख की सुबह होती कम,
दुःख की लंबी रात होती है।

संसार इक जाल ही तो है,
जिसमें रिश्तें समझ नहीं आते।
अक्सर होते ऐसे रिश्तें,
जो जाल और भी उलझा जाते।

संसार का जाल ऐसा,
जो मोह और दर्द से बना होता है।
इसका हर एक तार,
मोह और दर्द से बना होता है।

मोह मरने नहीं देता,
दर्द जीने नहीं देता।
संसार इक जाल का अज्ञान,
ज्ञान अमृत पीने नहीं देता।

प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
द्वारका मोड़,नई दिल्ली-78

2 Likes · 146 Views

You may also like these posts

मानव धर्म प्रकाश
मानव धर्म प्रकाश
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जून की दोपहर
जून की दोपहर
Kanchan Khanna
- बाप व्यभिचारी बेटे लाचार -
- बाप व्यभिचारी बेटे लाचार -
bharat gehlot
चिंता, फ़िक्र, कद्र और परवाह यही तो प्यार है,
चिंता, फ़िक्र, कद्र और परवाह यही तो प्यार है,
Ajit Kumar "Karn"
अगर तू दर्द सबका जान लेगा।
अगर तू दर्द सबका जान लेगा।
पंकज परिंदा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
शक करके व्यक्ति अपने वर्तमान की खुशियों को को देता है रिश्तो
शक करके व्यक्ति अपने वर्तमान की खुशियों को को देता है रिश्तो
Rj Anand Prajapati
मलाल
मलाल
अनिल "आदर्श"
दोहा **** शब्दकोष स्वयं है, नहीं शब्द बस एक
दोहा **** शब्दकोष स्वयं है, नहीं शब्द बस एक
RAMESH SHARMA
वो शिकायत भी मुझसे करता है
वो शिकायत भी मुझसे करता है
Shweta Soni
तुलना से इंकार करना
तुलना से इंकार करना
Dr fauzia Naseem shad
–स्वार्थी रिश्ते —
–स्वार्थी रिश्ते —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
तुम
तुम
Rambali Mishra
चाँद...... एक खूबसूरती
चाँद...... एक खूबसूरती
Neeraj Agarwal
विभाजन की विभीषिका
विभाजन की विभीषिका
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कविता- हँसी ठिठोली कर लें आओ
कविता- हँसी ठिठोली कर लें आओ
आकाश महेशपुरी
क्यों गम करू यार की तुम मुझे सही नही मानती।
क्यों गम करू यार की तुम मुझे सही नही मानती।
Ashwini sharma
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
Rajesh Kumar Arjun
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
Sonam Puneet Dubey
*प्यासा कौआ*
*प्यासा कौआ*
Dushyant Kumar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
*Fruits of Karma*
*Fruits of Karma*
Poonam Matia
'मेरे गुरुवर'
'मेरे गुरुवर'
Godambari Negi
दूल्हे की चढ़त
दूल्हे की चढ़त
C S Santoshi
समझदार मतदाता
समझदार मतदाता
Khajan Singh Nain
" क्यूँ "
Dr. Kishan tandon kranti
4325.💐 *पूर्णिका* 💐
4325.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
#झुनझुना-😊
#झुनझुना-😊
*प्रणय*
वो दिन आखिरी था
वो दिन आखिरी था
Sakhi
News
News
Mukesh Kumar Rishi Verma
Loading...