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3 Dec 2023 · 1 min read

एक मुलाकात अजनबी से

एक रात की बात है,
ये दिन दहाड़े हो रही लूट की वारदात है,
किसी की अस्मिता लूट गई,
सबको मालूम है,
मगर प्रशासन बेखबर है,
लगता है, इसमें सरकार का हाथ है,
कानून खुद खतरे में है,
संविधान में खुद उल्लेख है,
जब जमीर मर गया हो,
तब धर्म का उदय हुआ करता है,
लाशों का ढेर लग चुका है,
तब भी आदमी संकोच करें,
फिर अपने ही अपनों पर वार करे,
तब कोई गीत सुनाये,
रोम जले तो जले,
नीरो बांसुरी बजाये,
संगीत बड़ा मधुर रहा होगा,
जरा सोचिए, ऐसा संगीत,
किसने दिया होगा,
कट रही जेबें सरेआम,
असुरक्षित है, देश की शोहरत,
ये पाशा, शकुनी का हथियार रहा होगा,

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