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30 Nov 2023 · 1 min read

23/166.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*

23/166.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 कांटा कभू झन गड़य🌷
2212 212
कांटा कभू झन गड़य।
अलहन कभू झन पड़य।।
जिनगी इहां सुघ्घर हवे।
दुनिया कभू झन लड़य।।
रोज अपन रद्दा रेंगथे।
माला कभू झन झड़य।।
हिरदे मा मया राख ले ।
कोनो कभू झन खड़य।।
सुनता देख खेदू कथे।
हीरा अस रतन जड़य।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
30-11-202गुरुवार

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