Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
16 Nov 2023 · 1 min read

अधिकांश होते हैं गुमराह

आत्मा अजर अमर
बतलाते सभी पुराण
वो नित्य, निरंतर ईश
वश रहती है गतिमान
विधि के आदेश पर वो
धरे वसुधा पर कोई देह
नियत समय के बाद ही
वो बदल ले अपना गेह
परमात्मा से मिलन को
हर पल रहती बेकरार
इस सत्य को समझ के
करते ज्ञानी आत्मोद्धार
भव बंधन में फंस करके
अधिकांश होते हैं गुमराह
परमात्मा को छोड़कर वो
पालते भौतिकता की चाह
अपने मन में ईश्वर के प्रति
रखिए प्रबल श्रद्धा का भाव
वह ही दूर करेगा जीवन से
आपके सभी तरह के अभाव

Loading...