आसा.....नहीं जीना गमों के साथ अकेले में
आसा…..नहीं जीना गमों के साथ अकेले में
जैसे कोई खिलौना मिलते ही टूट जाए मेले में
✍️कवि दीपक सरल
आसा…..नहीं जीना गमों के साथ अकेले में
जैसे कोई खिलौना मिलते ही टूट जाए मेले में
✍️कवि दीपक सरल