संस्कार मनुष्य का प्रथम और अपरिहार्य सृजन है। यदि आप इसका सृ
संस्कार मनुष्य का प्रथम और अपरिहार्य सृजन है। यदि आप इसका सृजन नहीं किया तो कोई भी विकास अर्जन हो सकता है और जल्द ही उसका विसर्जन हो जायेगा। सांस्कृतिक सीढ़िया बनाती है पीढ़ियां। जै हिंद