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सिद्धार्थ गोरखपुरी
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29 Sep 2023 · 1 min read
किसी ने दिया तो था दुआ सा कुछ....
किसी ने दिया तो था दुआ सा कुछ….
मुक़म्मल होता तो मुक़म्मल याद रहता
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
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