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25 Jul 2023 · 1 min read

जिधर भी देखो , हर तरफ़ झमेले ही झमेले है,

जिधर भी देखो , हर तरफ़ झमेले ही झमेले है,
जिंदगी… में खुशियाँ कम और ग़मों के मेले हैं|

डोर में _क़राबत¹ के , न उलझे थे…तो अच्छे थे,
सुखी रहते हैं वे लोग, जो फक्कड़ हैं अकेले हैं|

ख़ुद को मौसम के अनुरूप ढाल लीजिये ज़नाब,
यहाँ सर्द रातें , तेज़ बारिश और लू के थपेड़े हैं|

दरिया पार करते वक़्त,पतवार अपने साथ रखना,
जितने भी लोग डूबे हैं ,किसी “निज” के धकेले हैं

सृष्टि के अंत …तक, लिंगभेद मिटा नही पाओगे,
ये वो _ज़हर है… जो लोगों के रगों में फैले हैं…|

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