जख्म पाने के लिए ---------
कभी फुर्सत निकाल, इश्क़ लड़ाने के लिए |
अरे! ये भी एक कला है, ज़ख्म पाने के लिए |
@@@@ – लक्ष्मण बिजनौरी
कभी फुर्सत निकाल, इश्क़ लड़ाने के लिए |
अरे! ये भी एक कला है, ज़ख्म पाने के लिए |
@@@@ – लक्ष्मण बिजनौरी