Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
11 Jun 2023 · 1 min read

जिन्दगी के मौसम के रंग

जिन्दगी का रंग
कल फीका था
आज चटख
कल न जाने क्या हो
जिन्दगी के मौसम के
जितने रंग देखे हैं
उतनी तो तैय्यारी
कर ली है मैंने
कल के लिए
कुछ इससे हटकर हो
जायेगा तो
देख लेंगे
जब आज तक
अच्छे बुरे
हर तरह के समय से
होकर यह
जीवन के सफर की
रेलगाड़ी गुजरी है तो
रेलगाड़ी के पलटने पर
रेल की पटरी से कट भी
लेंगे हम।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Loading...