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7 Jun 2023 · 1 min read

"उम्मीदें"

उम्मीदें गुपचुप ही
पैदा हो जाती हैं
इतनी गुप्त कि,
आँखों को झलक भी नहीं दिखती
इतनी चुप कि,
कानों को भनक भी नहीं लगती
अहसास,
यकायक तब होता है जब
दिल की कोई अनजानी उम्मीद
छन्न से गिरकर टूटती है
©निकीपुष्कर

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