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6 Jun 2023 · 2 min read

जीवन में ख़ुशी

जीवन में खुशी और खुश रहना कौन नहीं चाहता, हर व्यक्ति की सर्वोच्य इच्छा (ख्वाहिश) ही यही होती है कि वह और उसके अपनो का जीवन खुशियों से भरा हो और सब खुश रहे, लेकिन अफसोस.! ऐसा हो कब पाता है अपने भाग्य को कोस कर दुखी होने वाले लोगों का हमारे समाज में कोई आभाव नहीं, ऐसे निराशावादी प्रवृत्ति के लोग ये मान कर चलते हैं कि खुशियां उनके भाग्य में ही नहीं है जबकि वास्तव में खुशियां कही बाहर नहीं बल्कि स्वंय हमारे भीतर होती है, खुशी एक ऐसी शय है जिसे पाना तो हर कोई चाहता है लेकिन मिलती किसे है.? क्या है खुशी.? सांसारिक सुख, धन वैभव, मनचाहा जीवन साथी, प्रेम, कैरियर या फिर कुछ और। जबकि वास्तविकता तो इसके पूर्णतः विपरीत है, खुशी तो हमारे अपने अंतर्मन में विधमान होती है जिसे हम थोड़े से प्रयास से भी पा सकते हैं वह चाहें किसी भूखे को भोजन करा कर, रास्ते के काटे हटा कर या किसी रोते हुए बच्चे को हसां कर भी पाई जा सकती है, विश्वास कीजिए ये वास्तविक खुशी आपके मन को ही नहीं बल्कि आपकी आत्मा को भी संतोष से भर देगी। जीवन की वास्तविकता को समझते हुए हमे इस बात को भी खुशी… खुशी स्वीकारना चाहिए कि जीवन में यह आवश्यक नहीं है कि जो हम चाहें वह हमें सब कुछ प्राप्त हो जाय, कुछ अधूरी खवाईशें, कुछ अधूरे ख्वाब और कुछ टूटी हुई आरज़ूएं और महत्वकांशए भी तो हमारे जीवन को खुश रहने का आधार प्रदान कर सकती है, बस हमारा प्रयास सार्थक और सकारात्मक होना चाहिए फिर देखिए कि आप कैसे अपने दुखों की भीड़ में भी, कैसे खुशियों के मार्ग ढूंढ लेते हैं, भूल जाइए किसी अपने दूारा दिये गये दुख को, हताशाओं और असफलताओं को, स्वयं पर विश्वास कीजिए और स्वयं से प्रेम कीजिए, दूसरो का कभी बूरा मत सोचिए, सब समाप्त हो गया जब ऐसा प्रतीत हो तो पुनः नई शुरुआत कीजिए, इस विश्वास के साथ कि अब जीवन में जो भी होगा वह सब अच्छा होगा, और जो हमारे साथ बुरा हुआ है तो इसमें भी ईश्वर की इच्छा और हमारा हित छुपा था। आपकी जीवन के प्रति सकारात्मक सोच आपके जीवन को सदैव खुशियों से भरा रखेगी, इसलिए जीवन के हर अच्छे और बुरे समय में धैर्य, शालीनता और प्रसन्नचित रह कर व्यतीत करने का प्रयास करें, अपने अंतर्मन की आवाज़ सुने, ऐसा करने से भी आप अपने जीवन में कभी कुछ गलत कार्य नहीं करेंगे, और ऐसा इंसान बनने का प्रयास करेंगे जिस पर दूसरों को ही नहीं बल्कि स्वयं आपको भी स्वयं पर गर्व महसूस हो।
डॉ. फौजिया नसीम शाद

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