Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
23 May 2023 · 2 min read

एक लड़की का जन्म

मां की कोख से जन्म लेकर हर लड़की में आई,
उस दिन चारो ओर घरमे खुशियां है छाई।
क्युकी वो अपने साथ प्यार की सौगात है लाई,
किसी के घर मां लक्ष्मी तो किसी के घर मां सरस्वती बनकर है आई।
कुछ लोगो ने कहा तुम्हारे घर तो लड़की है आई ,
फिर क्यों बाट रहे हो इतनी मिठाई ।
कहा एक पिता ने बेटी नही शेरनी है घर आई ,
जो कल लड़ेगी अपने हक के लिए लड़ाई।
चाहे डॉक्टर बनेगी या टीचर उसके साथ हमेशा रहेंगे हम ताई,
चिंता न करो तुम वो हमारे लिए रौनक बैंक है आई ।
चलने लगी जब मां बाप का हाथ पकड़कर
तो मां बाप की आंखे है भर आई ,
चली जाएगी हमे छोड़कर जब हो जायेगी उसकी बिदाई ।
बड़ी हुई तो दसवीं कक्षा में उसने खूब की मन लगाकर पढ़ाई ,
मेहनत की थी उसने तो मिठाई तो बाटनी थी भाई , क्युकी वो अवल है आई ।
ग्यारवी में उसने साइंस ली और करी जोरो शोरो से पढ़ाई
बारहवी में फिर रिकॉर्ड तोड़कर है आई ।
वो बेटी है भाई कभी न रहेगी किसी की लुगाई ।
कुछ साल बाद उसकी भी शादी की घड़ी है आई ,
मां बाप ने की थी उसकी फिर बिदाई।
चिंता सताई मां को केसे संभालेगी ससुराल की कढ़ाई,
पिता ने हस कर कहा वो मेरी शेरनी है उसने हमेशा हर जगह जीत है पाई तो इसमें वो केसे पीछे रह जायेगी भाई ।
हुआ भी ऐसा ही उसने खूब अच्छे से घरकी एक एक चीज चमकाई ,
और दफ्तर भी टीम पर ही आई।
कुछ साल बाद वो भी एक मां बनी
दिया उसने भी एक बेटी को जन्म तो फिर वही खुशियां उसके घरमें है बनाई।

– Prachi Verma

Loading...