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4 May 2023 · 1 min read

मुक्तक _ बिन मौसम वर्षा ।

जैसे बिन मौसम वर्षा झमाझम है खूब बरस गई।
तेरे प्यार की बारिश में भींगू मेरी आंख तरस गई।
बेदर्दी तेरे इश्क के सूखे रेगिस्तान में प्यासा हूं मैं।
तेरी याद में जल जल कर मेरी जिंदगी झुलस गई।

विशाल बाबू ✍️✍️

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